कोई भी राष्ट्र या समाज तभी उन्नति करता है जब वह अपनी परम्पराओं एवं अपनी जड़ों को संजोकर रखता है, अपनी संस्कृति को गौरव का प्रतीक मानता है। इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा अध्यक्ष श्री कुलदीप तिवारी जी की अध्यक्षता में विक्रम संवत २०७५ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिन रविवार १८ मार्च २०१८ को भारतीय नवसंवत्सर उत्सव बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया गया। भजन एवं भारतीयता से परिपूर्ण गीतों का लोगों ने आनंद लिया। राष्ट्रीय गीत, भारत माता की जय, जय श्री राम एवं वन्दे मातरम के उद्घोष ने वातावरण को राष्ट्रप्रेम और भारतीयता की भावना से ओतप्रोत कर दिया। बच्चों और माताओं ने नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत प्रदर्शन किया। घूमर नृत्य, दुर्गा स्तुति, गणेश वंदना एवं ब्रज की होली की सुंदर कलात्मक प्रस्तुतियां दी गयीं । सभी को संस्थान की तरफ से प्रमाणपत्र भी दिए गए।

कार्यक्रम में सांसद, विधायक, महापौर एवं स्थानीय पार्षद सहित अनगिनत संभ्रांत एवं सम्मानित विशिष्ट गणों की उपस्थिति रही। राष्ट्र कवि कहलाने वाले कवियों ने कविताओं के माध्यम से लोगों का हृदय जीत लिया और उपस्थित लोगों की प्रसंशा प्राप्त की। इसी मौके पर जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा पिछले कई वर्षों से उठाया जा रहा जनसँख्या नियन्त्रण कानून का विषय भी लोगों के समक्ष रखा गया और समर्थन प्राप्त किया गया। बढ़ती जनसंख्या के दुष्प्रभाव और जनसँख्या जेहाद के षड़यंत्र से लोगों को सचेत किया गया।

सनातन भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक दृष्टिकोण से श्रेष्ठ होने के साथ ही नैतिक सामाजिक व मानवीय जीवन मूल्यों की उद्गम है। जीवन जीने की शैली है हिंदुत्व। विश्व ने भारत से सदैव ज्ञान लिया है। हमारे इस गौरवपूर्ण इतिहास एवं परम्पराओं को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने, उनको सही रास्ता दिखाने , पथ भ्रमित होने एवं पाश्चात्य सभ्यता के हावी होते दुष्प्रभाव से रोकने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का समय समय पर आयोजन आवश्यक है।

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वन्दे मातरम।