जन उद्घोष सेवा संस्थान राष्ट्र के प्रति समर्पित, समाज की सेवा,मानव जीवन मूल्यों के उत्थान, हिन्दू धर्म की रक्षा एवं प्रचार प्रसार व सनातन भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए बनाया गया संगठन है।स्थानीय समस्याओं से लेकर राष्ट्रीय हित सम्बन्धी विषयों पर एक साथ खड़े होना और समाज का प्रतिनिधित्व करना हमारा दायित्व है। राजनीति का नैतिक पतन, युवाओं का पथ भ्रमित होना, व भ्रस्टाचार रूपी दानव का बढ़ता आकार चिंता का विषय है।

सामाजिक विसंगतियाँ, सामाजिक असमानता, तुष्टिकरण, जातिपरक आरक्षण,अनैतिकता, भारत को जाति व धर्म मे विभाजित करने और प्राचीन गौरवशाली हिन्दू धर्म के विरुद्ध षड्यंत्र, अलगाववाद, निर्धन व असहाय पर अत्याचार, राष्ट्र के इस्लामीकरण व भारत विरोधी गतिविधियाँ इत्यादि को सफल होने से रोकने हेतु हम सभी का संगठित होना आवश्यक है। मानव धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है। मानवता की सेवा ईश्वर की सेवा कहलाती है।

असहाय व निर्बलों का शोषण, पशुओं पर अत्याचार, आस पास फैली गंदगी, पर्यावरण का गिरता स्तर, यातायात व्यवस्था में विसंगतियां आदि से लेकर अन्य स्थानीय समस्याएं केंद्रीय अथवा प्रान्तीय प्रशासन के समक्ष दृढ़ता से रखना, उनका समाधान तथा शिक्षा का स्तर एवं उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं को जन जन तक पहुँचाने में सहायता, राष्ट्रहित के लिये जनमानस को प्रेरित करना एवं राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करना, मातृभाषा हिंदी का प्रचार प्रसार तथा अन्य सभी सामाजिक व जनहितकारी विषयों पर दृढ़ता पूर्वक जन सामान्य के विचार उचित मंच पर रखना और स्वयं संगठन स्तर से समाधान जन उद्घोष सेवा संस्थान का उद्देश्य है।

उपरोक्त गम्भीर विषयों पर विचार व कार्यान्वयन हेतु राजनीति से हटकर एक शशक्त सामाजिक बल की आवश्यकता है। एक मंच की आवश्यकता है। वो मंच हमको जन उद्घोष सेवा संस्थान उपलब्ध करा रहा है। आइये संगठित होकर विरोधियों को सफल होने से रोकें। संगठन से जुड़कर जनहित व राष्ट्रहित में अपना योगदान अवश्य करें। संगठन को शशक्त करें। एकता में शक्ति है, संगठन में शक्ति है। संगठित होकर हाथ से हाथ मिलाकर आगे बढ़ेंगे तो उद्देश्यों की प्राप्ति निश्चित है।

वन्दे मातरम। जय श्री राम।
जय हिंद ।। जय हिंदी।। जय हिंदुस्तान।